खून का कैंसर (ल्यूकेमिया), खून और बोन मैरो (हड्डी के अंदर जहां खून बनता है) में होने वाला कैंसर है। यह बच्चों और किशोरों में पाया जाने वाला सबसे आम कैंसर है। अमेरिका में हर साल लगभग 3500- 4000 बच्चों को खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) हो जाता है, और भारत में हर साल लगभग 12000 बच्चों में यह बीमारी पाया जाता है। पाए जाते हैं।
खून का कैंसर (ल्यूकेमिया), बोन मैरो (हड्डी के अंदर जहां खून बनता है) के ठीक से काम न करने पर होता है। बोन मैरो (हड्डी के अंदर जहां खून बनता है) हड्डी के अंदर का मुलायम भाग है। यह एक खून की कोशिका फ़ैक्टरी की तरह काम करता है। खून की सारी कोशिकाएँ यहीं बनती हैं। ये खून बनाने वाली कोशिकाओं के रूप में शुरू होती हैं (हेमेटोपोएटिक कोशिकाएँ)। अगर बोन मैरो (हड्डी के अंदर जहां खून बनता है) ठीक से काम करता है तो ये खून बनाने वाली कोशिकाएँ ऐसी कोशिकाएँ बन जाती हैं जो अंत में लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं, और प्लेटलेट्स में बदल जाती हैं।
खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) से पीड़ित रोगी में, खून बनाने वाली कोशिकाएँ ठीक तरह से परिपक्व नहीं होती हैं। खून में बहुत सारे अपरिपक्व रक्त कोशिकाएँ या खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) कोशिकाएँ बनती है।
ऐसा होने पर खून अपना काम सही तरीके से नहीं कर सकता है। इसमें निम्नलिखित चीज़ें कम पड़ती हैं:
खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) या तो एक्यूट या क्रॉनिक (पुराना) होते हैं। एक्यूट का अर्थ लक्षणों का तेज़ी से विकसित होना है। यह रोग बिना इलाज के तेज़ी से बढ़ेगा। क्रॉनिक (पुराना) का अर्थ रोग और लक्षणों में धीरे-धीरे वृद्धि होना।
एक्यूट खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) आमतौर पर बच्चों में अधिक पाया जाता है।
संकेतों और लक्षणों मे निम्नलिखित शामिल हैं:
खून के कैंसर (ल्यूकेमिया) का इलाज उसके प्रकार और जोखिम समूह पर निर्भर करता है। इसका सबसे आम इलाज कीमोथेरेपी है।
अन्य इलाजों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
कैंसर से बचने के आँकड़ों की चर्चा करते समय, चिकित्सक अक्सर एक संख्या का उपयोग करते हैं जिसे पांच साल की जीवित रहने की दर कहा जाता है, जो कि उन रोगियों का प्रतिशत है जो अपने कैंसर का पता चलने के बाद कम से कम पांच साल तक जीवित रहते हैं। एक्यूट खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) में, पांच साल के बाद रोग मुक्त बच्चों के निरोगी रहने की अधिक संभावना होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इतने लंबे समय के बाद इन कैंसरों के वापस आने की संभावना बहुत ही कम होती है। जीवित रहने की दरें केवल अनुमानित हैं। आपके बच्चे का चिकित्सक , आपके बच्चे के विशेष मामले के संबंध में उसके जीवित रहने की दर पर जानकारी देने का सबसे अच्छा स्रोत है।
एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) (एएलएल) से पीड़ित बच्चों के लिए पांच साल की जीवित रहने की दर लगभग ९० प्रतिशत है।
एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) (AML) से पीड़ित बच्चों के लिए पांच साल की जीवित रहने की संपूर्ण दर 65 से 75 प्रतिशत है। जीवित रहने की दर AML के उपप्रकार और अन्य कारकों पर निर्भर रहती है। उदाहरण के लिए, AML के एक उपप्रकार, एक्यूट प्रोमायलोसाइटिक ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) (एपीएल) के लिए निरोग होने की दर अभी 10 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन एएमएल के कुछ अन्य उपप्रकारों के लिए दरें काफी कम हैं।
क्रॉनिक (पुराना) ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) के लिए, पांच साल की जीवित रहने की दरें कम मददगार होती हैं क्योंकि बच्चे वास्तव में रोगमुक्त हुए बिना खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) के साथ लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। पहले, क्रॉनिक माइलोजेनस ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) (सीएमएल) के लिए पाँच वर्ष तक जीवित रहने की दरें 60 से 80 प्रतिशत की सीमा में रिपोर्ट की जाती थी, लेकिन अब ये दरें काफी अधिक हैं।
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समीक्षा की गई: जून 2018