मुख्य विषयवस्तु में जाएं

संक्रमण से बचाव

कैंसर और कैंसर के इलाज के कारण कैंसर से ग्रस्त बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। इसका मतलब यह है कि वे बीमारियों और संक्रमणों से ज़्यादा असुरक्षित होते हैं। रोगी और उसका परिवार, कुछ सामान्य चरणों का पालन कर बीमारी को रोक सकते हैं और संक्रमण की संभावनाओं को कम कर सकते हैं।

हाथ धोएं

संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप बार बार साबुन और पानी से हाथ धोते रहें।  इसके लिए एक एल्कोहल-आधारित हैंड सेनिटाइज़र का भी उपयोग किया जा सकता है।  स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और देखभालकर्ताओं को देखभाल करते समय हाथों की सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए।  

निजी स्वच्छता से जुड़ी अच्छी आदतें अपनाएं 

संक्रमण की रोकथाम के लिए रोजमर्रा की कुछ आम स्वयं की देखभाल रखने वाली आदतों को अपनाया जाना जरूरी है।  इसमें दांत साफ़ करना ब्रश और मुंह को साफ़ रखना, रोजाना स्नान करना, त्वचा की देखभाल करना तथा घाव और लाइन/नली के लिए चिकित्सकीय टीम की सलाह का पालन करना शामिल है। 

रोगी से जुड़े स्थानों को साफ़ रखें

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले कुछ बच्चों के लिए धूल और मिट्टी में पाए जाने वाले रोगाणु भी हानिकारक हो सकते हैं। अगर फर्श और सतहों की सफाई सही तरीके से की जाए तो इससे संक्रमण से बचने में काफी हद तक मदद मिल सकती है। जिस स्थान पर बच्चे को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, उसका खास ध्यान रखें। बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले खिलौने और दूसरी वस्तुएं रोगाणुओं से भरी हो सकती हैं। खिलौनों और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को समय-समय पर साफ़ करते रहें। मुलायम खिलौनो , कंबलों और चद्दरों को गर्म पानी में धोएं। चादरों को समय-समय पर बदलते रहें। 

संपर्क से बचें

बीमार लोगों के संपर्क में न आएं। जिन रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनके लिए सर्दी तक खतरनाक हो सकती है। हवा में पाए जाने वाले रोगाणुओं को अलग करने के लिए कुछ मरीजों को विशेष मास्क पहनने की जरूरत पड़ सकती है। परिवार के सदस्य जो बीमार हैं, वे रोगी को रोगाणु फैलाने के खतरे को कम करने के लिए मास्क पहन सकते हैं।

टीकाकरण करवाएं

देखभालकर्ता और परिवार के सदस्यों को टीकाकरण संबंधी सलाहों का पालन करना चाहिए, इसमें फ्लू (इंफ्लुएंजा) और काली खांसी (परटुसिस) का टीका शामिल है। अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार रोगी को टीकाकरण करवाना चाहिए। वे रोगी जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, कुछ विशेष टीके खासतौर पर लाइव टीके नहीं ले पाते है। इस कारण से उनके संपर्क में रहने वाले लोगों के लिए टीकाकरण करवाना और भी जरूरी हो जाता है।

पतले दस्त लगने जैसे लक्षणों का ध्यान रखें

कैंसर के रोगी में कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी या संक्रमण के कारण दस्त लग सकते हैं। हाथ धोएं और सभी सतहों को कीटाणुरहित करें। डायपर बदलते समय दस्ताने पहने। 

जागरूक रहें

आमतौर पर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले बच्चों में हानिरहित मानी जाने वाली चीजें भी संक्रमण पैदा कर सकती हैं। अपनी चिकित्सकीय टीम से इन संभावित खतरों के बारे में बात करें:

  • ताजे फूल – फूलों और पौधों में ऐसी कीटाणु और फफूंदी पायी जा सकती हैं जो हानिकारक हो सकती हैं।
  • पालतू पशु और जानवर – जो जानवर पालतू नहीं हैं, उनके संपर्क में आने से बचें। अगर घर में पालतू जानवर हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि वे स्वस्थ हों, उनका टीकाकरण किया गया हो और उन्हें नियमित रूप से स्नान करवाया जाता हो।
  • धूल और मिट्टी – कुछ रोगी धूल और मिट्टी में पाए जाने वाले एस्परजिलस और अन्य रोगाणुओं के संक्रमण के कारण बीमार पड़ सकते हैं।
  • भीड़-भाड़ भरे स्थान और स्विमिंग पूल – कुछ बच्चों को बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए इन स्थानों पर जाने से रोका जाना चाहिए।

खाद्य सुरक्षा के बारे में विचार करें

खाना बनाने और खाने से पहले अच्छी तरह से हाथ धोएं और खाना बनाने की जगहों को साफ़ रखें। भोजन को सही तरीके से पकाएं और संभाले। सब्जियों और फलों को खाने से पहले अच्छी तरह से धो लें। अपने चिकित्सक से खान-पान संबंधी निर्देशों और परहेज करने वाले खानो के बारे में पूछें।  

संक्रमण की संभावनाएं और कैंसर

जिन बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनमें स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के मुकाबले रोगाणुओं से मुकाबला करने की शक्ति कम होती है। कैंसर से जूझ रहे बच्चों में आरएसवी और फ्लू जैसी साधारण बीमारियां भी बहुत खतरनाक हो सकती है। कुछ मरीजों में हवा में पाए जाने वाले एक सामान्य फफूंदी ( एस्परजिलस) के संक्रमण का भी खतरनाक होता है। कमजोर रोग प्रतिरोधक शक्ति वाले बच्चों में संक्रमण आसानी से हो जाते हैं और इन्हें इन संक्रमणों से उबरने में ज्यादा तकलीफ होती है।


समीक्षा की गई: जून 2018