भूख कम लगना या भूख न लगना, कैंसर और कैंसर के इलाजों का एक सामान्य दुष्प्रभाव है। कीमोथेरेपी और कैंसर के अन्य इलाजों के कारण जी मिचलाने और उल्टी होने से कैंसर के दौरान भूख कम लगती है। कुछ दवाइयों से भोजन का स्वाद या गंध बदल सकती है। थकान, कम शक्ति, बुखार या ठीक महसूस न लगने से भी भूख कम हो सकती है।
कैंसर के दौरान भूख कम लगना अक्सर अस्थायी होता है। हालांकि कुछ स्थितियों में, भूख कम होने से वजन कम हो सकता है, शरीर को पोषण नहीं मिलता है और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। आहार विशेषज्ञ, आहार के लिए परिवारों को उपाय बता सकते हैं। कुछ स्थितियों में, चिकित्सक भूख लगने के लिए दवाई भी लिखकर दे सकते हैं। यदि बच्चे पर्याप्त रूप से नहीं खा पा रहे हैं, तो IV या खिलाने वाली नली से आहार दिया जा सकता है।
कैंसर के दौरान बच्चों को भूख कम लगने और खाने में परेशानी होने के कई कारण हो सकते हैं। भोजन को देखकर उसे खाने की इच्छा न होना, खाना खाने में ज़्यादा दिक्कत होती हो या रोगी को भूख न लगती हो। दिनचर्या बदलने या अस्पताल में होने के कारण खाने की सामान्य आदतें भी बाधित हो सकती हैं। अक्सर, कई और कारणों से भी भूख कम हो जाती है।
कैंसर के दौरान भूख कम लगने के कारणों में शामिल हैं:
भोजन के समय लड़ाई, कई परिवारों के लिए आम हैं। जब बच्चे को कैंसर होता है, तो भूख और भोजन संबंधी परेशानियां विशेषकर और कठिन हो सकती हैं। हो सकता है कि बच्चे को भूख नहीं लगे और यहां तक कि उनका पसंदीदा भोजन भी उन्हें अच्छा नहीं लगे। बच्चे खाने में कमियां निकाल सकते हैं और खाने के लिए आना-कानी कर सकते हैं। चिकित्सा संबंधी आवश्यकताएं और दिनचर्या में बदलाव भी आहार संबंधी मुश्किलों को और बद्तर बना सकते हैं, जिसके कारण तनाव और चिंता बढ़ जाती है।
परिवारों के लिए अपनी देखभाल टीम से आहार और वजन से जुड़ी चिंताओं के बारे में बात करना ज़रूरी होता है। बच्चे की चिकित्सा संबंधी आवश्यकताओं और इलाज के शेड्यूल के आधार पर देखभाल टीम सुझाव दे सकती है और परिवार को यह बताने में मदद कर सकती है कि कब बहुत अधिक सहायता की ज़रूरत है।
भूख कम लगने और भोजन कम खाने से वजन घट सकता है। इस कारण से बच्चों में, विकास की अवधि के दौरान उनका वजन नहीं बढ़ पाता है। खासतौर पर कीमोथेरेपी, सर्जरी या बीमारी के बाद, कुछ वजन कम होना सामान्य है। बहुत ज़्यादा वजन कम होना गंभीर हो सकता है और इससे स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
स्वास्थ्य देखभाल टीम निम्न जैसे कारकों के आधार पर रोगी के वजन कम होने का आंकलन करेगी:
परिवारों को उन संभावित समस्याओं से अवगत रहना चाहिए, जो पूरी तरह से आहार न मिलने और वजन कम होने के कारण उत्पन्न हो सकती हैं जिनमें थकान, कमजोरी और गिरने का ज्यादा खतरा शामिल है। जिन मरीजों का बहुत अधिक वजन घटता है और जिन्हें आहार पूरी तरह से नहीं मिल पाता है, उन्हें प्रेशर सोर होने का खतरा अधिक होता है। आहार असंतुलन से कभी-कभी भ्रम, मनस्थिति या स्वभाव में बदलाव या हृदय, गुर्दे या जिगर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। समय के साथ-साथ, लंबे समय तक आहार ठीक से न मिलने से विटामिन और मिनरल की कमी होने के कारण मरीज में कीमोथेरेपी के कारण समस्याएं होने का अधिक जोखिम होता है।
सामान्य विकास, दैनिक काम में सहायता के लिए और चिकित्सा संबंधी समस्याओं को रोकने के लिए अच्छा पोषण और पर्याप्त कैलोरी लेना ज़रूरी है। मरीज की आवश्यकताओं के आधार पर, देखभाल टीम कई कार्यनीतियों का सुझाव दे सकती है। कैंसर के दौरान वजन कम होने से रोकने के तरीकों में शामिल हैं:
हर मरीज अलग होता है और परिवारों को अपने चिकित्सक से विकल्पों पर चर्चा करनी चाहिए और भूख, आहार और वजन कम होने जैसी समस्याओं से निपटने की लिए अपनी देखभाल टीमों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
जब ज़िंदगी सामान्य हो, तब अच्छा आहार लेना और स्वास्थ्यप्रद खान-पान की आदतें परिवारों के लिए मुश्किल हो सकती हैं। कैंसर के दौरान, यह और भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है। प्रत्येक बच्चे के लिए कौन-सा तरीका कारगर है, यह पता लगाने के लिए कुछ प्रयत्न करने पड़ सकते हैं और इसमें गलतियां हो सकती हैं। भूख कम लगने की समस्या से निपटने के लिए कुछ सुझाव हैं:
जी मिचलाना, मुँह में छाले, मुँह सूखना, कब्ज या दस्त जैसे विशिष्ट लक्षणों से निपटने में खाने-पीने से जुड़ी कार्यनीतियां ढूंढने के लिए परिवार देखभाल टीम के साथ कार्य कर सकते हैं। विशिष्ट दुष्प्रभावों से निपटने में मदद के लिए पोषण-संबंधी सुझावों के बारे में अधिक जानें.
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समीक्षा की गई: फरवरी, 2020