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आनुवंशिक जाँच के प्रकार

आनुवंशिक जाँच किसी व्यक्ति के वंशाणु में होनेवाले बदलाव और अंतर का पता लगाता है। सभी आनुवंशिक बदलाव हानिकारक नहीं होते हैं। कुछ लाभकारी, निष्पक्ष और स्वास्थ्य पर अनिश्चित प्रभाव वाले भी हो सकते हैं। ऐसे आनुवंशिक बदलाव, जिनके कारण स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव की संभावना होती है, उत्परिवर्तन कहलाते हैं।

कुछ उत्परिवर्तन विकार बन जाते हैं, जिसका मतलब है कि किसी तरह के कैंसर होने की संभावना सामान्य की तुलना में कहीं अधिक हो जाती है। ऐसे उत्परिवर्तन की पहचान कर ली गई है, जो कई तरह के ज्ञात आनुवंशिक कैंसर का कारण बनते हैं। परीक्षण इस बात की पुष्टि कर सकता है कि कोई स्थिति वंशानुगत स्थिति का कारण है या नहीं। आनुवंशिक जाँच यह भी निर्धारित करता है कि पारिवारिक सदस्यों में बीमारी के किसी लक्षण के बगैर भी वह उत्परिवर्तन वंशानुगत है या नहीं।

हर कोशिका वंशाणु के द्वारा नियंत्रित होती है, जो यह बताती है कि कोशिका को कैसे काम करना है और कब विकसित और विभाजित होना है। आनुवंशिक जाँच किसी व्यक्ति के वंशाणु में होनेवाले बदलाव और अंतर का पता लगाता है। ऐसे आनुवंशिक बदलाव, जिनके कारण स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव की संभावना होती है, उत्परिवर्तन कहलाते हैं।

हर कोशिका वंशाणु के द्वारा नियंत्रित होती है, जो यह बताती है कि कोशिका को कैसे काम करना है और कब विकसित और विभाजित होना है। आनुवंशिक जाँच किसी व्यक्ति के वंशाणु में होनेवाले बदलाव और अंतर का पता लगाता है। ऐसे आनुवंशिक बदलाव, जिनके कारण स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव की संभावना होती है, उत्परिवर्तन कहलाते हैं।


समीक्षा की गई: जून 2018