त्वचा कैंसर से बचाव के लिए त्वचा को धूप से बचाना सबसे अच्छा तरीका है। यह बचपन में होने वाले कैंसर से बचे लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
सूरज की किरणे त्वचा के कैंसर, मेलेनोमा और गैर-मेलेनोमा दोनों के लिए प्रमुख पर्यावरणीय जोखिम कारक है। सूरज की रोशनी और इनडोर टैनिंग उपकरण में अल्ट्रावायोलेट (यूवी) किरणें होती हैं। यूवी किरणों के संपर्क में आने से त्वचा, त्वचा के कैंसर के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, अमेरिकन कैंसर सोसाइटी, अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी और अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स सहित कई स्वास्थ्य संगठनों ने सूरज की किरणों से सुरक्षा उपायों की वकालत करते हुए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
सनस्क्रीन को हर 2 घंटे में या फिर काम, तैराकी, खेल या बाहर व्यायाम करने के बाद, फिर से लगाना चाहिए क्योंकि पानी और पसीना सनस्क्रीन को हटा सकते हैं। जिंक ऑक्साइड नाक, गाल, कान के ऊपरी हिस्से और कंधों पर अतिरिक्त सुरक्षा दे सकता है।
वैसे तो लोगों को हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए, लेकिन जब यूवी इंडेक्स मध्यम या उच्च स्तर बताए तब ज़रुर सावधान रहें। पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) ने अपनी वेबसाइट पर स्थानीय यूवी इंडेक्स पूर्वानुमान लगाए हैं। इन्हें epa.gov पर अपने ज़िप कोड दर्ज करके या मोबाइल ऐप का उपयोग करके पाया जा सकता है। कई स्थानीय मौसम पूर्वानुमानों में यूवी इंडेक्स भी शामिल है।
सेल्फ़-टैनिंग लोशन और सैलून स्प्रे टैन उन लोगों के लिए सही विकल्प हैं, जो गहरे रंग की टैन हुई त्वचा चाहते हैं।
त्वचा में विटामिन डी बनाने के लिए सूरज के किरणों के संपर्क की ज़रूरत होती है। चूंकि सूरज की रोशनी की कमी से विटामिन डी की कमी हो सकती है, इसलिए ठीक हुए लोगों को विटामिन डी की खुराक लेनी पड़ सकती है। ठीक हुए लोगों को अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ विटामिन डी की खुराक के बारे में बात करनी चाहिए।
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समीक्षा की गई: जून 2018