बचपन में होने वाले कैंसर में बचने वाले ज़्यादातर लोगों को अपने इलाज की वजह से हड्डी संबंधी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। लेकिन बचपन के कैंसर के कुछ इलाज हड्डियों को कमज़ोर बना सकते हैं।
हड्डियों का कमज़ोर होना फ़िक्र की बात है क्योंकि आम तौर पर बचपन और किशोरावस्था के दौरान ही हड्डियां बढ़ती हैं और भारी होती हैं।
हड्डी के कमज़ोर होने से बड़ी उम्र में जो परेशानी उभरती है, उसे ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियाँ पतली होना) कहा जाता है। ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियाँ पतली होना) एक ऐसा रोग है जिसमें हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और हड्डी कमज़ोर हो जाती है। हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं और जल्दी टूट जाती हैं।
हड्डियां कमजोर हो जाती हैं क्योंकि शरीर हड्डी के नए टिशू (ऊतक) बहुत कम मात्रा में बनाता है या हड्डियां बहुत ज़्यादा भुरभुरी हो जाती हैं और उन्हें नुकसान पहुंचता है। हड्डियां पतली हो सकती हैं और बड़ी आसानी से टूट सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस किसी भी हड्डी में हो सकता है। आम तौर पर यह कलाई, कूल्हों, रीढ़ की हड्डी और पैरों की हड्डियों पर सबसे ज़्यादा असर डालता है।
उम्र के 20वें दशक में ज्यादातर लोगों में हड्डियों का घनत्व सबसे ज़्यादा होता है। उसके बाद, लोगों की हड्डियां कमज़ोर पड़ने लगती हैं। बचपन में होने वाले कैंसर के कुछ रोगियों में कुछ इलाजों की वजह से समय से पहले ही हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं।
ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियाँ पतली होना) को “मूक” रोग भी कहा जाता है। कई सालों तक इस रोग के कोई साफ़ संकेत या लक्षण नज़र नहीं आते हैं। हालांकि, ये संकेत और लक्षण शामिल हो सकते हैं:
कैंसर के इलाज और पहले से मौजूद दूसरी बीमारियों की वजह से बाल्यावास्था में होने वाले कैंसर से बचने वाले लोगों की हड्डी कमज़ोर होने का ख़तरा होता है। इसीलिए उन्हें कम से कम एक बार बोन मिनरल डेंसिटी (हड्डी के तत्वों का घनत्व) जांच करवाने का सुझाव दिया जाता है। इस जांच को कैंसर से संबंधित लंबे-समय तक रहने वाली स्वास्थ्य समस्या और उसके इलाज के मूल्यांकन के तौर पर देखा जाता है। आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली बोन मिनरल डेंसिटी (हड्डी के तत्वों का घनत्व) जांच असल में एक दोहरी एक्स-रे अब्ज़ॉर्प्शियोमेट्री है, जिसे DXA (या DEXA) भी कहा जाता है। इस जांच में हड्डी की मोटाई और रोगी के हड्डी टूटने के जोखिम को मापने के लिए खास एक्स-रे तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। जांच के नतीजों को देखने के बाद, चिकित्सक हड्डियों की ताकत में सुधार लाने के तरीकों के बारे में सलाह दे सकते हैं। साथ ही, यह सुझाव दे सकते हैं कि अगली जांच कब करवानी है।
कुछ काम लोगों को ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियाँ पतली होना) के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
—
टूगेदर इस आलेख में उल्लेखित किसी भी ब्रांडेड उत्पाद का समर्थन नहीं करता है।
—
समीक्षा की गई: जून 2018