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हड्डी के अंदर से बोन मैरो और टुकड़ा निकालना

हड्डी के अंदर से बोन मैरो (कभी-कभी इसे बोनमैरो एस्पिरेट कहा जाता है) और बायोप्सी (टुकड़ा निकालना) किसी रोगी के बोनमैरो की जांच करने के लिए किए गए परीक्षण को कहते हैं।

दिखाई दे रहे बोनमैरो (हड्डियों के नरम आंतरिक ऊतक के रूप में लेबल किया जाता है जहां रक्त कोशिकाएं बनती हैं) के साथ एक हड्डी के अंदर का दृश्य दिखाता हुआ ग्राफ़िक। दाईं ओर, रक्त स्टेम कोशिकाओं का एक ग्राफ़िक जिसमें रक्त कोशिकाएं सफेद रक्त कोशिकाओं, लाल रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स में जा रही हैं।

बोन मैरो (हड्डी के अंदर जहां खून बनता है) शरीर की अधिकांश हड्डियों के केंद्र में एक नरम, स्पंज जैसी सामग्री होता है जो रक्त कोशिका के कारखाने की तरह काम करता है।

बोन मैरो शरीर की अधिकांश हड्डियों के केंद्र में एक नरम, स्पंज जैसी सामग्री होता है। बोनमैरो रक्त कोशिका के कारखाने की तरह काम करता है। यह खून-निर्माण (हेमटोपोइएटिक) कोशिकाओं को बनाता है, अन्य सभी रक्त कोशिकाएं इन्हीं से बनती हैं। परिपक्व होकर ये कोशिकाएं बनती हैं और आगे चलकर ये निम्नलिखित बनती हैं:

  • लाल रक्त कोशिकाएं (जो ऑक्सीजन ले जाती हैं)
  • प्लेटलेट्स (जो खून जमने में मदद करते हैं)
  • सफेद रक्त कोशिकाएं (जो संक्रमण से लड़ती हैं)

बचपन में होने वाले कैंसर में हड्डी के अंदर से बोन मैरो और बायोप्सी (टुकड़ा निकालना) की जा सकती है:

  • देखें कि क्या बोनमैरो कुछ निश्चित रक्त कोशिकाओं का पर्याप्त उत्पादन कर रहा है
  • बचपन में होने वाले खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) और लिंफोमा जैसे खून के कैंसर रोग की पहचान करना
  • पता लगाएं कि क्या कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों से बोनमैरो तक फैल गया है
  • देखें कि क्या बोनमैरो इलाजों पर प्रतिक्रिया दे रहा है
  • बोनमैरो के संक्रमण की पहचान करें

बोनमैरो परीक्षण कैसे किए जाते हैं

कई रोगियों की एक ही समय में एक हड्डी के अंदर से बोन मैरो और बायोप्सी (टुकड़ा निकालना) दोनों होगी। कभी-कभी रोगियों की केवल बोन मैरो निकालने (एस्पिरेशन) की प्रक्रिया होती है।

बोनमैरो में एक तरल भाग और एक अधिक ठोस भाग होता है। बोन मैरो निकालने (एस्पिरेशन) के दौरान तरल भाग को निकाल दिया जाता है। ठोस भाग को बायोप्सी के दौरान निकाल दिया जाता है।

बोनमैरो परीक्षणों के लिए तैयारी

अधिकांश बच्चों को प्रक्रिया के दौरान बेहोशी की दवाई दी जाती है, जिससे वे उस समय सोते रहते हैं। जब रोगियों को बेहोशी की दवाई दी जाती है, तो उन्हें परीक्षण से पहले खाने और पीने के नियमों का पालन करना चाहिए। यदि रोगी खाने-पीने के संबंध में नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो प्रक्रिया का समय बदलना होगा।

यदि बच्चे के पास सेंट्रल लाइन या पोर्ट नहीं है, तो उसे नली (आईवी) के माध्यम से बेहोशी की दवा दी जाएगी।

बोन मैरो निकालना (एस्पिरेशन)

कोई चिकित्सक, अभ्यास कर रही नर्स प्रैक्टिशनर या चिकित्सक सहायक आमतौर पर प्रक्रिया करते हैं। बोन मैरो का एक छोटा नमूना सिरिंज से जुड़ी एक पतली सुई का उपयोग करके निकाला जाता है।

  • आमतौर पर नमूने रोगी की कूल्हे की हड्डी से लिए जाते हैं।
  • सुन्न करने के लिए लगाई जाने वाली क्रीम या इंजेक्शन से दी जाने वाली तरल दवाई, प्रक्रिया वाली जगह पर लगाई जा सकती है।
  • रोगी अक्सर, करवट होकर लेटते हैं।
  • प्रक्रिया करने वाला व्यक्ति परीक्षण के लिए सही स्थान खोजने के लिए रोगी की पीठ के निचले हिस्से को छूकर देखेगा।
  • रोगाणु-मारने वाली तरल दवाई से जगह को साफ़ किया जाएगा। यह दवा ठंडी महसूस होगी। फिर, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता प्लास्टिक का तौलिया पीठ पर रख सकता है, जिससे त्वचा का केवल एक छोटा भाग दिखेगा।
  • प्रदाता, सिरिंज से लगी सुई लगाएगा। रोगी अगर जाग रहा है, तो उसे तेज़ चुभन महसूस होगी।
  • प्रदाता कुछ तरल मैरो (जो खून की तरह दिखता है) को एक सिरिंज में खींचेगा। यदि रोगी जाग रहा है, तो उसे तुरंत तेज़ दर्द महसूस हो सकता है।
  • ज़्यादा नमूनों की ज़रूरत होने पर, प्रदाता एक से ज़्यादा सिरिंज लगा सकता है। रोगी का शरीर उस तरल पदार्थ की छोटी मात्रा को जल्दी से भर देगा जिसे बाहर निकाल दिया गया है।
  • स्वास्थ्य सेवा प्रदाता सुई को बाहर निकाल देगा, जगह को साफ़ कर देगा और एक पट्टी लगा देगा।
आमतौर पर रोगी, करवट होकर लेटते हैं और नमूना अक्सर कूल्हे की हड्डी से लिया जाता है।

आमतौर पर रोगी, करवट होकर लेटते हैं और नमूना अक्सर कूल्हे की हड्डी से लिया जाता है।

बोन मैरो का एक छोटा नमूना सिरिंज से जुड़ी एक पतली सुई का उपयोग करके निकाला जाता है।

बोन मैरो का एक छोटा नमूना सिरिंज से जुड़ी एक पतली सुई का उपयोग करके निकाला जाता है।

रोगी अगर जाग रहा है, तो उसे तेज़ चुभन महसूस होगी।

रोगी अगर जाग रहा है, तो उसे तेज़ चुभन महसूस होगी।

बोनमैरो बायोप्सी

  • यदि एस्पिरेशन और बायोप्सी दोनों किए जाते हैं, तो प्रत्येक प्रक्रिया के लिए एक अलग सुई का उपयोग किया जाएगा।
  • बायोप्सी के लिए, चिकित्सक हड्डी में से बोन मैरो का एक छोटे ऊतक को निकालने के लिए उसी जगह में एक बड़ी सुई डालेगा।
  • बायोप्सी आमतौर पर एस्पिरेशन से पहले या बाद में की जाती है।

दोनों प्रक्रियों में कुल मिलाकर लगभग 30 मिनट लगते हैं।


समीक्षा की गई: जून 2018