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बेहतर संवाद बनाना

संवाद का मतलब जानकारी, सुझावों, विचारों या भावनाओं का साझा करना है। संवाद कौशल संबंधों के निर्माण और रोज़मर्रा की चिंताओं के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

कैंसर के दौरान संवाद की चुनौतियां

गंभीर बीमारी का सामना कर रहे परिवारों के लिए, संवाद की जरूरतें बहुत अधिक और थकाऊ हो सकती हैं।
रोजाना की ज़रूरतों और जीवन की माँगों के अलावा परिवारों को सबसे पहले यह करना चाहिए:

  • चिकित्सीय टीम से बात करना और योजना बनाना
  • दवाइओं और चिकित्सा देखभाल के बारे में जानना
  • जानकारी साझा करना और परिवार के रूप में निर्णय लेना
  • दोस्तों के साथ संपर्क में रहना और समुदाय की सहायता करना
  • स्कूलों और शिक्षकों को अवगत कराना
  • कार्यस्थल, बीमा और व्यावहारिक चिंताओं  को संचालित करना
रोजाना की ज़रूरतों और जीवन की मांगों के अलावा बचपन में होने वाले कैंसर मरीज के परिवारों को चिकित्सीय टीम के साथ बात करके योजना बनाने और दवाइओं और चिकित्सा देखभाल के बारे में भी जानना होगा। इस तस्वीर में एक दवाख़ाना के कमरे में एक परिवार चिकित्सक से मिल रहा है। जब चिकित्सक परिणामों की समीक्षा कर रहे होते हैं तब पिता छोटे मरीज को गाड़ी से गिरने से रोकता है।

रोजाना की ज़रूरतों और जीवन की मांगों के अलावा बचपन में होने वाले कैंसर मरीज के परिवारों को चिकित्सीय टीम के साथ बात करके योजना बनाने और दवाइओं और चिकित्सा देखभाल के बारे में भी जानना होगा।

बचपन में होने वाले कैंसर के दौरान परिवारों को कई और संवाद ज़रूरतों का सामना करना पड़ता है।  इसमें कुछ बाधाएँ भी होती हैं: 

  • मेडिकल से जुड़ी जानकारी को समझना मुश्किल होता है
  • तनाव और भावनाएं जानकारी को समझने और साझा करने में मुश्किल पैदा करते हैं
  • परिवार के सदस्यों (माता-पिता, मरीज और भाई-बहन) की अलग-अलग ज़रूरतें और संवाद शैलियाँ होती हैं
  • अक्सर मन व्याकुल हो जाने के कारण अच्छी तरह से संवाद करना मुश्किल हो जाता है

बेहतर संवाद के लिए सरल योजनाएँ

सामान्य बाधाओं को दूर करने के लिए यह जानने में मदद मिल सकती है कि लोग जानकारी कैसे साझा करते हैं। बुनियादी स्तर पर संवाद में लोग (प्रेषक और प्राप्तकर्ता), संदेश (जानकारी, सुझाव, विचार या भावना) और तरीका (जानकारी साझा करने का तरीका) शामिल होता है। प्रक्रिया के किसी भी भाग में संवाद टूट सकता है। विशेषकर तनाव के समय कुछ बुनियादी संवाद योजनाओं से मदद मिल सकती है।

बेहतर संवाद: संदेशों को अधिक प्रभावी ढंग से भेजना

  • संदेश को साधारण रखें। स्पष्ट रहें और मुद्दे की बात करें।
  • ईमानदार रहें। आयु के अनुसार ही संवाद करें लेकिन झूठ नहीं बोलें या महत्वपूर्ण जानकारी को न छिपाएं। यह कहने में कोई हर्ज नहीं है कि "मुझे पता नहीं है" और प्रश्नों के उत्तर देने से पहले अधिक जानकारी का पता लगाएं।
  • अपनी भावनाओं से अवगत रहें। इतना कहने से भी मदद मिल सकती है कि अपना संदेश साझा करने से पहले आप क्या महसूस कर रहे हैं।
  • संवाद करने का सबसे अच्छा तरीका चुनें। इस बारे में सोचें कि आपको क्या कहने की ज़रूरत है और इस परिस्थिति के लिए कौन-सा तरीका (ईमेल, फ़ोन करना, खुद मिलना) सही है। यदि आप किसी निश्चित प्रतिक्रिया की उम्मीद करते हैं तो यह दूसरे व्यक्ति को बताएं। यह बताएं कि आप किसी से क्या करवाना चाहते हैं या क्या सुनना चाहते हैं।
  • यह देखे कि दूसरा व्यक्ति क्या समझ रहा है। सवालों के लिए समय दें। अगर निर्देश दिया जा रहा है या चिकित्सा आवश्यकताओं के बारे में बात कर रहे हैं तो यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
  • यदि ज़रूरत है तो किसी और प्रकार का संवाद करें। एक स्मरण लिखित सन्देश या ईमेल भेजें खासकर अगर यह संचार का रिकॉर्ड बनाने में मदद करता है।

संदेश भेजने के तरीके:

  • व्यक्तिगत बातचीत
  • फ़ोन करना
  • ईमेल
  • लिखित संदेश
  • सोशल मीडिया या ऑनलाइन समुदाय
  • अन्य लोगों के माध्यम से

संवाद योजना बनाते समय क्या विचार करें:

  • आपके पास कितना समय है
  • अगर आपको लंबे समय तक बातचीत करने की ज़रूरत है
  • आपको संवाद रिकॉर्ड करने की ज़रूरत है या नहीं
  • यदि निजी मेडिकल जानकारी साझा की जा रही हो
  • यदि बहुत सारे प्रश्न हों
  • भावनात्मक सहारे की कितनी ज़रूरत है
 
ज़्यादा ध्यान न भटकाएँ ताकि आप देखभाल टीम द्वारा आपको दी गई जानकारी पर ध्यान दे सकें। किसी से छोटे बच्चों पर नजर रखने के लिए कहें। इस तस्वीर में नर्स बचपन में होने वाले कैंसर के मरीज को गले लगाने के लिए आती है जब पीछे माता-पिता चिकित्सक के साथ बात कर रहे हैं।

ज़्यादा ध्यान न भटकाएँ ताकि आप देखभाल टीम द्वारा आपको दी गई जानकारी पर ध्यान दे सकें। किसी से छोटे बच्चों पर नजर रखने के लिए कहें।

बेहतर संवाद: जानकारी प्राप्त करना और समझना

  • ज़्यादा ध्यान न भटकाएँ ताकि आप ध्यान केंद्रित कर सकें। यह  चिकित्सीय संवाद के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। कोई शांत जगह ढूंढें और किसी को छोटे बच्चों पर नज़र रखने के लिए कहें।
  • अपनी भावनाओं में और वो किसी संदेश का अर्थ लगाने को  प्रभावित कैसे कर सकती हैं  इसके  बारे  में जागरूक रहें।
  • महत्वपूर्ण विवरणों को नोट करें। नोटों और संदेशों को एक ही जगह पर रखें,ताकि ज़रूरत पड़ने पर आप उसे सहजता से पा सकें।
  • सवाल पूछें और सुनिश्चित करें कि आप समझ रहे हैं।
  • जवाब देने से पहले प्रतीक्षा करें विशेषकर जब आप भावुक हो रहे हों।

कोई भी परिवार बचपन में होने वाले कैंसर पर संवाद की चुनौतियों के लिए तैयार नहीं होता है। जितना संभव हो सकें चिकित्सकीय टीम और एक दूसरे के साथ निष्कपट और ईमानदार रहें। मुश्किलों और चिंताओं के बारे में बात करें और मदद मांगें। संवाद में सहायता  के लिए मनोविज्ञान, शिशु जीवन, सामाजिक कार्य और आध्यात्मिक देखभाल जैसे कई स्रोत उपलब्ध है।


समीक्षा की गई: जून 2018