संपूर्ण स्वास्थ्य और तंदरुस्ती के लिए अच्छी नींद लेने की आदतें ज़रूरी होती हैं। कुछ चीज़ें करने से आपको जल्दी से नींद आने, गहरी नींद लेने और दिन भर फुर्तीला रहने में मदद मिलती है। अगर आप हर दिन अच्छा आहार लें और व्यायाम करें, अच्छी नींद लेने की आदतें डालें, तो आपके लिए अच्छा रहता है।
प्रति दिन एक ही समय पर सोने जाएं और सुबह उठें। सप्ताहांत और छुट्टियों के दिन भी स्कूल या कार्य दिवस की तरह सोना और उठना चाहिए। अपने सामान्य शेड्यूल के एक घंटे में स्थिर रहने की कोशिश करें।
बिस्तर पर सोने से 30 मिनट पहले कुछ न करें। टीवी न देखें या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल न करें। फ़ोन, टैबलेट और गेम कंसोल को दूर रखें। सोने के समय पर व्यायाम करने और खेलने से बचें। दिमाग को सुकून देने वाले काम करें, जैसे कोई किताब पढ़ना या सुकून भरा संगीत सुनना।
जितना संभव हो सके, सोने के लिए एक आरामदायक, अंधेरी और शांत जगह बनाने की कोशिश करें। कमरे के तापमान को ठंडा, 70F (24C) डिग्री से कम रखें। कमरे से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को हटा दें। नींद में विघटन डालने वाली संभावित बाधाओं को कम करने की कोशिश करें, जैसे कि शोर या कमरे में लोगों का आना-जाना
सोने से पहले कुछ हल्का-फुल्का खाने से नींद लेने में मदद मिल सकती है। दूध, दही, चीज़, खिचड़ी, क्रैकर्स या ताज़े फल खाना अच्छा है। सुनिश्चित करें कि उसमें कैफीन या शक्कर की अधिक मात्रा न हो। सोने के समय ज़्यादा भोजन करने से बचें। सोने से पहले बहुत ज़्यादा खा लेने से सीने में जलन होती है नींद लेने में मुश्किल होती है।
कई खाद्य और पेय पदार्थों में कैफीन होता है। आप शायद जानते हों, सोडा, कॉफी, चाय और एनर्जी ड्रिंक में अक्सर कैफीन होता है। कुछ जूस, चुइंग गम और कैंडी बार में भी कैफीन हो सकता है। कुछ दवाइयों में भी कैफीन हो सकता है।
दिन में शारीरिक गतिविधि करने से रात में अच्छी नींद आने में मदद मिल सकती है। सुबह या दोपहर के समय व्यायाम करने की कोशिश करें। रात में गहन शारीरिक गतिविधि न करें, खासतौर पर सोने से तुरंत पहले।
धूप लेने या दिन के समय प्रकाश में टहलने से अच्छी नींद मिलती है/सुबह जल्दी उठते हैं। खासतौर पर सुबह के समय, धूप में ज़्यादा देर रहें। रात में हल्की रोशनी रखें और सोने से 1-2 घंटे पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर दें।
कई लोगों मानते हैं कि 20-30 मिनट की झपकी लेने से वे आरामदेह और अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं। झपकी लेना विशेषकर उन छोटे बच्चों और किशोर उम्र के बच्चों के लिए ज़रूरी है, जिन्हें नींद की ज़्यादा ज़रूरत होती है। थोड़ी झपकी लेने के बाद नींद की बीमारी वाले मरीज अधिक फुर्तीले हो सकते हैं। हालांकि, झपकी लेने से रात की नींद में बाधा पड़ सकती है। दिन में देर से झपकी न लें और अगर आपको रात को सोने में परेशानी होती है, तो झपकी लेने से बचें।
यदि आपको 20-30 मिनट के बाद भी नींद नहीं आ पा रही है, तो उठकर कुछ आराम देने वाली गतिविधि करना उपयोगी हो सकता है। कोई किताब पढ़ें, सुकून देने वाला संगीत सुनें, हल्का गर्म दूध पीएं या गहरी साँस लेने या ध्यान लगाने की कोशिश करें। रोशनी कम रखें। टीवी चालू न करें या अपने स्मार्टफ़ोन या कोई अन्य उपकरण का इस्तेमाल न करें। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाली नीली रोशनी के कारण नींद लेना मुश्किल हो सकता है। जब आपको दोबारा नींद आने जैसा महसूस हो, तो बिस्तर पर जाएं।
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समीक्षा की गई: मई 2019